खुदा ने बक्शा है इंसा को,
एक नन्हा सा प्यारा सा दिल|
इस में दिल उस में दिल,
हर सीने में धड़कता है दिल|
चोट लगे तो तडफता है दिल,
खुशी में बल्लियो उछलता है दिल|
गर हो इश्क़ दिल में,
तो खिचता ही दिल|
नफरतों से यारों हमेशा,
सिसकता है दिल|
बदी में मुरझाता है दिल,
नेकी में खिलता है दिल|
प्यार है दवाए दिल,
नफरत है सजाए दिल|
ऐ दोस्त!बड़ा नाज़ुक है दिल,
ये तेरा दिल ये मेरा दिल|
संभालोगे तो संभल जाएगा,
वरना चूर-चूर हो जाएगा|
ये नन्हासा- प्यारसा दिल,
'शकील' ये तेरा दिल ये मेरा दिल|
Monday, August 3, 2009
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