Monday, August 3, 2009

दिल

खुदा ने बक्शा है इंसा को,
एक नन्हा सा प्यारा सा दिल|

इस में दिल उस में दिल,
हर सीने में धड़कता है दिल|

चोट लगे तो तडफता है दिल,
खुशी में बल्लियो उछलता है दिल|

गर हो इश्क़ दिल में,
तो खिचता ही दिल|

नफरतों से यारों हमेशा,
सिसकता है दिल|

बदी में मुरझाता है दिल,
नेकी में खिलता है दिल|

प्यार है दवाए दिल,
नफरत है सजाए दिल|

ऐ दोस्त!बड़ा नाज़ुक है दिल,
ये तेरा दिल ये मेरा दिल|

संभालोगे तो संभल जाएगा,
वरना चूर-चूर हो जाएगा|

ये नन्हासा- प्यारसा दिल,
'शकील' ये तेरा दिल ये मेरा दिल|




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