Monday, April 5, 2010

मैकशी

तेरे मैकदे से मुझे फिर ठुकराया गया है,
मैकशी से तेरे मैकदे में लाया गया है

लोग पीते है लड़खड़ाते हैं तेरे मैखाने में,
जामे-पैमाने से मुझे होश में लाया गया है

मैख्वार तो बहुत हैं तेरे मैखाने में साकी,
तेरे मैखाने में मुझे क्यों आज़माया गया है

मय्यसर है लबालब मै तेरे मैकदे में साकी,
मेरे होठो से लगा जाम क्यों हटाया गया है

लोग खाते है क़सम रोज़ न पीने की 'शकील',
मेरी मै-तौबा को आखिर क्यों तुड़वाया गया है

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