कुछ कर गुज़र इस क़दर,
कि शोहरत भी तेरा नाम पूछे|
परवाज़ कर उन बलंदियो पर,
कि फ़राज़ भी तेरा नाम पूछे|
लोग राह तय कर ,
मन्ज़िलो पर कयाम करते है|
तू कुछ इस क़दर कर 'शकील'
कि मन्ज़िल तेरा कयाम पूछे|
तोड़ दे सारी किस्मतों करम की बंदिशे,
जो पूछे हकों इंसाफ तो तेरा दर पूछे|
Friday, March 19, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment